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Kantara की सफलता के बाद ऋषभ शेट्टी ने पैर छू कर लिया रजनीकांत का आशीर्वाद, अब हो रही जमकर तारीफ…

ऋषभ शेट्टी, यह नाम भारतीय फिल्म जगत में सफलता की नई ऊंचाइयां छू रहा है। यह सब संभव हुआ उनकी फिल्म कांतारा के कारण। ऋषभ ने न केवल इस फिल्म को लिखा, बल्कि इसे निर्देशित करने के साथ-साथ इसमें शानदार अभिनय भी किया। बॉक्स ऑफिस पर उनकी फिल्म हिट है. सिनेमा प्रेमियों के अलावा कंगना रनौत और अल्लू अर्जुन जैसी तमाम हस्तियां भी कांतारा की प्रशंसा कर चुके हैं।

ऋषभ ने लिया राजनीकांत का आशीर्वाद –

ऋषभ कांतारा के लिए सभी से वाह-वाही जीत रहे हैं. यह फिल्म यश और प्रशांत नील की केजीएफ चैप्टर 2 के बाद दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली कन्नड़ फिल्म बन गई है। इसी दौरान शुक्रवार को ऋषभ शेट्टी ने रजनीकांत से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। बदले में, थलाइवर ने उन्हें एक शॉल देकर सम्मानित किया. इन दोनों के मुलाकात की तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।

ऋषभ-राजनीकांत की तस्वीर चर्चा में क्यों?

Photo Courtesy: Twitter

फोटोज शेयर करते हुए ऋषभ शेट्टी ने लिखा, ‘अगर आप एक बार हमारी तारीफ करेंगे तो हम आपकी सौ बार तारीफ करेंगे. यह रजनीकांत की बाशा (Baashha) का लोकप्रिय संवाद है, “अगर मैं इसे एक बार कहूं, तो यह इसे 100 बार कहने के बराबर है.” शेट्टी ने आगे कहा कि, “धन्यवाद @rajinikanth सर, कांतारा फिल्म की सराहना के लिए हम आपके हमेशा आभारी रहेंगे.” बता दें कि कुछ दिनों पहले ही रजनीकांत ने ऋषभ शेट्टी की कांतारा फिल्म की तारीफ की थी।

रजनीकांत ने कांतारा की तारीफ में क्या कहा? 

रजनीकांत ने ट्विटर पर लिखा, ”अज्ञात-ज्ञात से अधिक होता है’ सिनेमा में @hombalefilms #KantaraMovie से बेहतर कोई नहीं कह सकता था, आपने मेरे रोंगटे खड़े कर दिए। एक लेखक, निर्देशक और अभिनेता के रूप में @shetty_rishab ऋषभ को सलाम। भारतीय सिनेमा में इस उत्कृष्ट कृति की पूरी कास्ट और क्रू को बधाई हो।”

Photo Courtesy: Rajnikant Tweet

जहां हर कोई फिल्म की सराहना कर रहा है, वहीं फिल्म निर्माता अभिरूप बसु ने इसे “प्रतिगामी” और “हंसने योग्य” कहा. उन्होंने TOI के हवाले से कहा, “मुझे लगता है कि यह किसी की बुद्धि का मजाक है। फिल्म का तथाकथित प्लॉट खराब तरीके से बनाया गया लगता है. यह प्रतिगामी फिल्म ट्रॉप्स से भरी है. इसमें दिखाए ट्विस्ट बेईमान दिखाई देते हैं और केवल नौटंकी जैसे लगते हैं. नायक का मोचन चाप हंसने योग्य है। फिल्म जब क्लाइमेक्स पर पहुंचती है, वास्तव में मेरी इसमें कोई दिलचस्पी रह जाती।”

About शिवांकित तिवारी "शिवा"

शौक से कवि,लेखक, विचारक, मुसाफ़िर पेशे से चिकित्सक! शून्य से आरंभ...

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