Lady Chatterley`s Lover: पूरी दुनिया में किताबों पर आधारित फिल्में बनती रही हैं. अपने दौर में पूरी दुनिया में तहलका मचाने वाली किताब लेडी चेटर्लीज लव पर भी फिल्में बन चुकी हैं. इस पर आधारित एक नई फिल्म रिलीज के लिए तैयार है. भारत में भी यह फिल्म दिखेगी, मगर रोचक बात यह है कि इस किताब पर भारत में बैन लगा हुआ है।
Controversial Films And Books: करीब 94 साल पहले इंग्लिश राइटर डी.एच. लॉरेन्स का उपन्यास प्रकाशति हुआ था, लेडी चेटर्लीज लवर. 1928 में फ्रांस और इटली में चोरी-छुपे अंग्रेजी में प्रकाशित इस उपन्यास को अंग्रेजों ने तुरंत बैन कर दिया. इंग्लैंड के साथ इसे उन तमाम जगहों पर प्रतिबंधित किया गया, जहां ब्रिटेन की सत्ता थी. लेकिन उपनिवेशवाद का दौर खत्म होने के बाद भी आज तक यह किताब भारत में प्रतिबंधित है. हालांकि इस किताब को अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देशों में भी प्रतिबंधित किया गया था. तमाम देशों में इस बात को लेकर मुकदमे चले और अंततः इंग्लैंड समेत अन्य देशों में प्रकाशकों ने जीत हासिल की. किताब पर से प्रतिबंध हटाया गया. लेकिन भारत में अभी तक यह प्रतिबंधित है. लेडी चेटर्लीज लवर पर अश्लीलता के आरोप लगे थे. मगर इस पर अलग-अलग समय में फिल्में बनीं, इससे प्रेरित तमाम किरदार और किताबें रची गई. अब नेटफ्लिक्स पर इस किताब पर बनी हुई नई फिल्म रिलीज होने के लिए तैयार है और माना जा रहा है कि यह भारत में भी उपलब्ध होगी।
इस कंटेंट पर हुई आपत्ति :
नेटफ्लिक्स पर लेडीज चेटर्लीज लवर दो दिसंबर को रिलीज होगी. यह नेटफ्लिक्स ओरीजनल फिल्म है और दुनिया के तमाम लोगों की नजरें इस पर है. यह कहानी इंग्लैंड में एक मजदूर वर्ग के पुरुष और रईस परिवार की महिला के भावनात्मक और शारीरिक संबंधों की कहानी है, जिसे उस दौर में कई लोगों ने बर्दाश्त नहीं किया. उपन्यास में घटनाओं के चित्रण और भाषा पर भी बहुत सारे लोगों को आपत्ति थी. उपन्यास में तमाम जगहों पर ऐसे शब्दों का इस्लेमाल किया गया, जो आम तौर पर भद्रलोक में नहीं बोले जाते. नेटफ्लिक्स की फिल्म में ब्रिटिश एक्टरों ने लीड भूमिकाएं निभाई हैं. चर्चित सीरीज द क्राउन में लेडी डायना की भूमिका निभाने वाली एमा कॉरिन और जैक ओ कोनेल फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे।
देव आनंद की तीन देवियां :
पूरी दुनिया का साहित्य ही नहीं सिनेमा भी लॉरेंस की रचनाओं से प्रभाव रहा है. हिंदी फिल्में भी इससे अछूती नहीं रही हैं. देव आनंद की चर्चित फिल्म तीन देवियां (1955) डी.एच. लॉरेंस की एक रचना से प्रेरित है, जिसमें एक ऐसे कवि की कहानी है जिसे एक ही समय पर तीन अलग-अलग युवतियां प्यार करने लगती हैं. तीनों उसे अपने जीवन में चाहती हैं और कवि मुश्किल में पड़ जाता है कि आखिर वह किसे अपनी जीवन संगिनी बनाए।